स्वर्ग सिंहासन .....
स्वर्ग सिंहासन छोडके बाबा मेरे आयेंगे
अर्नी लगाओ , झोली फैलाओ , वो भर जायेंगे ....
आज सभा में बाबा , तुझको आना ही होगा
भक्तीके इस रंग मे , तुझको रंगना ही होगा
जागरण तेरा , आव्हान तेरा , हम करवायेंगे ....
माली है तु जहाँ का , गुलशन के फुल है हम
तुम हो महान बाबा , तेरे चरणो की धुल है हम
ज्योत जलाके , श्रद्धा सुमन से , फुल चढवायेंगे ....
मैं निर्धन हुँ बाबा , तेरे लिए क्या लाऊँ
मै तो सबकुछ बाबा , नाम से तेरे खाऊँ
शक्कर घी का , दही हलवे का भोग लगायेंगे ....
बाबा जब आयेंगे , खुशिया भी लायेंगे
आके हर सेवक की , झोलिया तो भर देंगे
झुमो नाचो गाओ , खुशिया मनाओ , रंग बरसायेंगे ....
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